प्रमोद तिवारी ने ज्वलंत मुददों पर चर्चा के लिए संसद के विशेष सत्र बुलाने पर दिया जोर।
राज्य सभा में विपक्ष के उपनेता ने कहा कि पूरा देश जब पहलगाम हमले को लेकर दुखी और चिंतित है तो सरकार की तरफ से कठोरतम कदम उठाए जाने में विलम्ब क्यूं हो रहा है।

प्रमोद तिवारी ने ज्वलंत मुददों पर चर्चा के लिए संसद के विशेष सत्र बुलाने पर दिया जोर।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज
लालगंज प्रतापगढ़, 3 अप्रैल।
राज्य सभा में विपक्ष के उपनेता ने कहा कि पूरा देश जब पहलगाम हमले को लेकर दुखी और चिंतित है तो सरकार की तरफ से कठोरतम कदम उठाए जाने में विलम्ब क्यूं हो रहा है।
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने पहलगाम में आतंकवादी हमले को लेकर बारह दिन बीत जाने के बावजूद निर्णायक कदम न उठाये जाने को लेकर चिंताजनक कहा है।
उन्होनें कहा कि आतंकवादी हमले में देश के बेगुनाह नागरिकों की जघन्य हत्या में क्रूरता और बर्बरता की सारी हद पार की गयी।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि छब्बीस परिवारों में इस कायरतापूर्ण हमले में अपना सब कुछ खो दिया।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कांग्रेस कार्यसमिति की ताजा हुई बैठक का हवाला देते हुए कहा कि पार्टी ने अपना दृढ़ प्रतिज्ञ संकल्प फिर दोहराया है कि वह आतंकवाद को खत्म करने में पूरी तरह से सरकार के साथ खड़ी है।
उन्होने कहा कि सरकार को बिना विलम्ब किये आतंकवादी हमले को लेकर आतंकवाद की नर्सरी और इसके आका के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई हर हाल में सुनिश्चित करनी चाहिए।
उन्होने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने घिनौने आतंकवादी हमले से उपजी गंभीर परिस्थितियों में भी प्रधानमंत्री राजनैतिक गोटें बिछाने को लेकर परेशान है।
केरल में एक उदघाटन समारोह में वहां के मुख्यमंत्री और स्थानीय सांसद की एक साथ उपस्थिति को लेकर पीएम के ताजा बयान को विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री पद की गरिमा के विपरीत करार दिया है।
उन्होनें कहा कि सर्वदलीय बैठक में सरकार ने बुलाया पर पीएम मोदी को इस बैठक से ज्यादा बिहार में राजनैतिक अटटहास में समय देना आखिर कैसे वाजिब लगा।
उन्होनंे कहा कि आतंकवादी घटना के बाद उपजे हालात पर सरकार को विपक्ष की मांग के अनुरूप राज्यसभा और लोक सभा का विशेष सत्र फौरन आहूत करना चाहिए।
वहीं जाति गणना को लेकर राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकार ने घोषणा तो कर दी पर इस जनगणना के लिए बजट और तारीख का अभी तक ऐलान नहीं कर सकी है। उन्होने कहा कि इन ज्वलंत मुददों पर संसद के विशेष सत्र में राष्ट्रहित में चर्चा कराया जाना आवश्यक है।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी का यह बयान शनिवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुआ है।